भारत ने पुतिन-ट्रंप वार्ता का स्वागत किया

भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई पहली शिखर वार्ता का स्वागत किया है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि यह संवाद शांति की दिशा में अहम कदम है और दुनिया यूक्रेन संघर्ष का शीघ्र अंत देखना चाहती है। यह बैठक फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका और रूस के बीच पहली सीधी बातचीत थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को स्वतंत्रता दिवस पर भेजी गई शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि भारत “यूक्रेन के मित्रों के लिए शांति, प्रगति और समृद्धि से भरे भविष्य” की कामना करता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि भारत संवाद और कूटनीति को ही आगे का रास्ता मानता है।

हालांकि, भारत ने वार्ता को सकारात्मक माना है, लेकिन अमेरिकी टैरिफ और रूस से तेल आयात पर बने विवाद को लेकर नई दिल्ली सतर्क है। ट्रंप ने हाल ही में भारत पर रूसी ऊर्जा उत्पादों की खरीद को लेकर 25% टैरिफ लगाया था। विश्लेषकों का मानना है कि भारत की स्थिति जटिल है—जहां वह अपने आर्थिक हितों को सुरक्षित रखना चाहता है, वहीं वैश्विक मंच पर शांति के पक्षधर की छवि भी बनाए रखना चाहता है। आने वाले समय में ट्रंप, पुतिन और जेलेंस्की की संभावित त्रिपक्षीय वार्ता पर भारत की निगाहें टिकी रहेंगी।

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