SIR विवाद पर गरमाया सियासी माहौल, विपक्ष एकजुट

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले SIR विवाद ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। INDIA गठबंधन ने चुनाव आयोग पर मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोप लगाते हुए भाजपा पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दल संसद से चुनाव आयोग तक मार्च की योजना बना रहे हैं, जिसमें करीब 300 सांसद शामिल होंगे। विपक्ष का कहना है कि SIR प्रक्रिया वोट चोरी का माध्यम बन सकती है, जबकि चुनाव आयोग इसे मतदाता सूची की पारदर्शिता के लिए जरूरी बता रहा है।

इस विवाद ने बिखरे हुए INDIA गठबंधन को एक बार फिर एकजुट कर दिया है। बिहार से शुरू हुआ आंदोलन पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और संसद के मानसून सत्र तक फैल गया है। ममता बनर्जी ने SIR को “बैकडोर से NRC लागू करने की साजिश” करार देते हुए लोगों से फॉर्म भरने से इनकार करने की अपील की है। सासाराम से शुरू होने वाली विपक्ष की “मताधिकार यात्रा” 15 दिनों तक बिहार के विभिन्न हिस्सों में जाएगी, जिसमें राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अन्य राज्य नेताओं की भागीदारी होगी।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि SIR विवाद भाजपा के खिलाफ विपक्ष का नया नैरेटिव बन सकता है, जैसा कि पहले आरक्षण और संविधान खतरे के मुद्दों पर देखने को मिला था। हालांकि, यह नैरेटिव वोटों में कितना बदल पाएगा, यह चुनाव परिणाम ही तय करेगा। अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में इस मुद्दे के और तीखे होने के आसार हैं।

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