जिरकोनियम भंडार से चीन को नई ताकत

बीजिंग: चीन ने झिंजियांग प्रांत के कुबाई बेसिन में जिरकोनियम का एक विशाल भंडार खोज निकाला है, जिससे वैश्विक खनिज आपूर्ति श्रृंखला में बड़ा बदलाव संभव है। अब तक लगभग 20 लाख टन जिरकोनियम ऑक्साइड की मौजूदगी का अनुमान है, जो चीन के वर्तमान भंडार से चार गुना ज्यादा है। यह खोज ऐसे समय में हुई है जब चीन पहले ही यूरेनियम के एक बड़े भंडार की पुष्टि कर चुका है।

जिरकोनियम, एक अत्यंत मजबूत और गर्मी-प्रतिरोधी धातु है, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से परमाणु रिएक्टरों में फ्यूल रॉड क्लैडिंग के लिए होता है। यह न्यूट्रॉन अवशोषण में बेहद कम होता है, जिससे यह रणनीतिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण बनता है। रक्षा क्षेत्र में इसका उपयोग गाइडेड मिसाइलों, हीट शील्ड्स और रॉकेट तकनीक में किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह खोज चीन को न केवल आयात पर निर्भरता से मुक्ति दिला सकती है, बल्कि उसकी भू-रणनीतिक ताकत भी बढ़ा सकती है।

अब तक चीन जिरकोनियम की अधिकांश आपूर्ति ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से करता था। लेकिन घरेलू भंडार की पुष्टि के बाद चीन की रणनीतिक स्वायत्तता में उल्लेखनीय इजाफा संभव है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, अगर अमेरिका जिरकोनियम के निर्यात पर प्रतिबंध लगाता है, तो यह नया भंडार चीन के लिए संप्रभुता का स्तंभ साबित हो सकता है।

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