ईरान-इजराइल जंग में THAAD की असलियत उजागर

ईरान और इजराइल के बीच 12 दिनों तक चले भीषण संघर्ष ने अमेरिका की मिसाइल रक्षा प्रणाली THAAD की सीमाएं उजागर कर दी हैं। CNN की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस युद्ध में अमेरिका ने अपने 25% THAAD इंटरसेप्टर्स खर्च कर दिए। अमेरिका द्वारा 100 से 150 THAAD मिसाइलें दागी गईं, जिनका उद्देश्य ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकना था। इस उच्च खपत दर ने पेंटागन की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि वर्तमान उत्पादन स्तर इसकी भरपाई करने में असमर्थ है।

विशेषज्ञों के अनुसार, 2024 में सिर्फ 11 नए THAAD इंटरसेप्टर्स बने, जबकि 2025 और 2026 के लिए क्रमशः 12 और 37 इंटरसेप्टर्स खरीदने की योजना है। लेकिन जब ईरान ने उन्नत मिसाइल तकनीक का इस्तेमाल किया, तो इंटरसेप्शन दर केवल 25% रह गई। कुल 500 दागी गई मिसाइलों में से सिर्फ 86% को ही रोका जा सका, जिनमें से 35% इंटरसेप्शन THAAD और इजराइल की एरो प्रणाली ने मिलकर किए। इससे स्पष्ट है कि इतनी सीमित संख्या में उपलब्ध THAAD प्रणाली पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता अमेरिका के लिए जोखिमपूर्ण हो सकती है।

पेंटागन ने 2026 के रक्षा बजट में मिसाइल उत्पादन ($2.5 बिलियन) और आपूर्ति श्रृंखला सुधार ($1.3 बिलियन) को प्राथमिकता दी है। यह कदम ईरान और रूस जैसे विरोधियों के आक्रामक रुख को देखते हुए उठाया गया है। CNN की रिपोर्ट के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या अमेरिका एक साथ कई मोर्चों पर युद्ध की स्थिति में अपने मिसाइल रक्षा संसाधनों को बनाए रख पाएगा।

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