किम जोंग उन का अमेरिका विरोध, 24 घंटे में दो बड़े फैसले

उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन ने बीते 24 घंटे में ऐसे दो अहम फैसले लिए हैं, जिन्होंने अमेरिका के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। ‘विजयी दिवस’ के मौके पर किम ने अमेरिकी सैनिकों को हराने का इतिहास दोहराते हुए कहा कि उत्तर कोरिया किसी भी संभावित युद्ध में अमेरिका को मुंहतोड़ जवाब देगा। उन्होंने साम्राज्यवाद के खिलाफ निर्णायक सैन्य रणनीति अपनाने की बात दोहराई और अपने सैनिकों से कहा कि वे एक समृद्ध और सशक्त उत्तर कोरिया की दिशा में बढ़ते रहें।

दूसरे फैसले में किम की बहन किम यो जोंग ने दक्षिण कोरिया के बातचीत प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। यह प्रस्ताव अमेरिकी समर्थन से भेजा गया था, जिसका मकसद दोनों कोरियाई देशों के बीच रिश्तों को सामान्य करना था। किम यो जोंग के सख्त रुख से यह साफ हो गया है कि उत्तर कोरिया फिलहाल किसी भी कूटनीतिक पहल के लिए तैयार नहीं है। यह अमेरिका के लिए एक और कूटनीतिक झटका माना जा रहा है।

विश्लेषकों के मुताबिक, किम जोंग की अमेरिका के प्रति मुखरता ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद आई है। उत्तर कोरिया के पास ह्वासोंग-18 जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें और अनुमानित 50 परमाणु हथियार हैं। ऐसे में यदि तनाव बढ़ता है, तो यह न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए संकट का कारण बन सकता है।

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