भारत के किलों ने रचा इतिहास: स्वाभिमान की पहचान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात के 124वें एपिसोड में भारतीय किलों को गौरव, स्वाभिमान और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बताया। उन्होंने खास तौर पर 12 मराठा किलों को यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल किए जाने पर देशवासियों को बधाई दी। इनमें से 11 किले महाराष्ट्र में और एक तमिलनाडु में स्थित है। पीएम मोदी ने रायगढ़ किले के अपने हालिया दौरे का उल्लेख करते हुए कहा, “इन किलों ने न केवल इतिहास को संजोया है, बल्कि हर पत्थर में आत्मसम्मान की गूंज है।”

पीएम ने ऐतिहासिक सल्हेर, शिवनेरी, प्रतापगढ़, विजयदुर्ग और खानदेरी जैसे किलों का जिक्र किया, जो न सिर्फ स्थापत्य की दृष्टि से अद्वितीय हैं, बल्कि भारतीय स्वाधीनता और अस्मिता के भी प्रतीक हैं। उन्होंने बताया कि कैसे इन किलों ने आक्रमण, मौसम और समय की कसौटी पर खरा उतरते हुए कभी आत्मसम्मान को झुकने नहीं दिया। उन्होंने राजस्थान के कुंभलगढ़, रणथंभौर और जैसलमेर जैसे विश्वविख्यात किलों के साथ-साथ बुंदेलखंड, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के अन्य किलों की भी बात की।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे इन किलों की यात्रा करें, इतिहास से जुड़ें और गर्व का अनुभव करें। उन्होंने कहा, “ये सिर्फ ईंट-पत्थर के ढांचे नहीं हैं, बल्कि हमारी सभ्यता, संस्कृति और स्वाभिमान के जीवंत प्रमाण हैं।” विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से पर्यटन को भी बल मिलेगा और भारतीय किलों की वैश्विक पहचान और सशक्त होगी।

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