कश्मीर में साइबर जिहाद: डिजिटल मोर्चे पर ISI की चाल

कश्मीर में ‘साइबर जिहाद’ का नया खतरा सामने आया है, जिसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI द्वारा समर्थन मिलने का संदेह है। काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) ने हाल ही में पांच ऐसे डिजिटल मॉड्यूल्स का भंडाफोड़ किया है जो युवाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से कट्टरपंथ की ओर धकेल रहे थे। CIK के अनुसार, ये मॉड्यूल सोशल मीडिया पर सॉफ्ट टारगेट्स की पहचान कर उन्हें धीरे-धीरे आतंकवादी नेटवर्क में शामिल करने की कोशिश करते थे।

हाल ही में पकड़े गए मॉड्यूल में जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर अब्दुल्ला गाजी द्वारा चलाया जा रहा नेटवर्क शामिल है, जो पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहा था। इन मॉड्यूल्स को स्थानीय नामों से चलाया जाता था ताकि युवाओं को इनकी असली पहचान का आभास न हो। सुरक्षा एजेंसियों ने समय रहते कार्रवाई कर कई युवाओं को गुमराह होने से बचा लिया है। पहले अपराध कर रहे युवाओं की काउंसलिंग की जा रही है, जबकि लगातार संलिप्त लोगों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो रही है।

साइबर जिहाद के ज़रिए आतंकी संगठनों की रणनीति अब हथियार से ज्यादा इंटरनेट पर आधारित होती जा रही है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और वॉट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ये मॉड्यूल सक्रिय थे। सुरक्षा एजेंसियों ने आम नागरिकों से सोशल मीडिया पर सतर्क रहने और अजनबी संपर्कों से दूरी बनाए रखने की अपील की है। कश्मीर में बदलती आतंक की रणनीति ने अब डिजिटल युद्ध का रूप ले लिया है, जिस पर सुरक्षा एजेंसियों की पैनी निगाह बनी हुई है।

 

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