चीन में मुनीर की कूटनीति, तख्तापलट की आहट?

चीन दौरे पर पहुंचे जनरल मुनीर की गतिविधियों ने पाकिस्तान में राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। विदेश मंत्री वांग यी और उप राष्ट्रपति हान झेंग से उनकी मुलाकात को पारंपरिक मैत्री का विस्तार बताया जा रहा है, लेकिन इसके पीछे की रणनीति को लेकर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, पाकिस्तान में सेना और सरकार के रिश्ते लगातार तनावपूर्ण होते जा रहे हैं, और ऐसे में जनरल मुनीर का वैश्विक समर्थन जुटाना तख्तापलट की संभावनाओं को हवा दे रहा है।

मुनीर ने बातचीत में चीन-पाकिस्तान की ‘अटूट साझेदारी’ को रेखांकित किया, वहीं चीन ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के प्रयासों की सराहना करते हुए खुला समर्थन भी जताया। यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका में इमरान खान के बेटे ट्रंप के करीबी रिचर्ड ग्रेनेल से मिल रहे हैं और उनकी राजनीतिक प्रताड़ना का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। इससे यह अंदेशा और गहराता है कि पाकिस्तानी सत्ता में बड़े बदलाव की पृष्ठभूमि तैयार हो रही है, जिसमें अमेरिका और चीन जैसे देशों की कूटनीतिक चालें भी शामिल हो सकती हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, जनरल मुनीर का यह दूसरा हाई-प्रोफाइल दौरा उनके राष्ट्रपति बनने की महत्वाकांक्षा से जुड़ा हो सकता है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ से भी उन्हें विदेश नीति में बढ़त मिल रही है, जिससे संकेत मिलते हैं कि पाकिस्तानी सत्ता संरचना में सेना का दखल फिर मजबूत हो रहा है। चीन में हुई यह बातचीत सिर्फ दोस्ती की नहीं, बल्कि सत्ता समीकरणों की भी कहानी बयां कर रही है।

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