विदेश भेजने का झांसा: फर्जी एजेंट रैकेट बेनकाब

देशभर में विदेश भेजने के नाम पर चल रहे हजारों फर्जी एजेंटों के रैकेट का खुलासा हुआ है। प्रवासी कामगारों और छात्रों को लालच देकर ठगने वाले इन गिरोहों ने बड़ी तादाद में लोगों से करोड़ों रुपये वसूले हैं। गृह मंत्रालय और प्रवासी मामलों के मंत्रालय ने इस मामले को गंभीर मानते हुए राज्यों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

इन फर्जी एजेंटों का जाल छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों में फैला है, जहां बेरोजगारी और बेहतर जीवन की चाहत का फायदा उठाया जाता है। कई पीड़ितों ने बताया कि उनसे वैध वीज़ा, नौकरी और रहने की व्यवस्था के नाम पर मोटी रकम ली गई, लेकिन बाद में उन्हें ठगा गया। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने हाल के महीनों में कई ऐसे मामले दर्ज किए हैं और जांच चल रही है। लोगों को सिर्फ रजिस्टर्ड एजेंटों से ही संपर्क करना चाहिए।”

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हर साल हज़ारों लोग विदेश जाने के चक्कर में इन फर्जी एजेंटों का शिकार बनते हैं। सरकार ने अब ऑनलाइन वेरिफिकेशन पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर जारी कर आम नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक जनजागरूकता नहीं बढ़ेगी, यह फर्जी एजेंट रैकेट खत्म नहीं होगा।

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