ब्रिटेन ने दुनिया से क्या लूटा? भारत का कोहिनूर, तलवार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा से भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक फ्री ट्रेड डील को लेकर चर्चाएं तेज़ हैं, लेकिन इसी के साथ उपनिवेशवाद की वह विरासत फिर से चर्चा में है, जिसमें अंग्रेजों ने भारत समेत दुनियाभर से कीमती धरोहरें लूटी थीं। भारत से कोहिनूर हीरा और टीपू सुल्तान की तलवार जैसी बेशकीमती वस्तुएं अंग्रेजों ने युद्ध और संधियों के जरिए हासिल की थीं। अब सवाल यह है कि ऐतिहासिक अन्यायों के प्रतीक इन वस्तुओं की वापसी का रास्ता खुलेगा या नहीं?

ब्रिटिश उपनिवेशकाल के दौरान भारत से केवल धन ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहरों की भी बड़ी लूट हुई। ऑक्सफैम की रिपोर्ट बताती है कि अंग्रेजों ने भारत से इतनी संपत्ति निकाली कि उससे आज की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं खड़ी की जा सकती थीं। कोहिनूर 1849 में लॉर्ड डलहौजी द्वारा लाहौर संधि के तहत लिया गया था, जबकि रणजीत सिंह का सिंहासन, टीपू सुल्तान की तलवार और उनकी अंगूठी जैसी धरोहरें ब्रिटेन में प्रदर्शन की वस्तु बन गईं।

भारत ही नहीं, अफ्रीका, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया समेत 56 से अधिक देशों से ब्रिटेन ने कलाकृतियों, खनिज संसाधनों और सांस्कृतिक प्रतीकों को लूटा। अफ्रीका से सोना, हीरा और कांसा, ऑस्ट्रेलिया से ऊन और कृषि उत्पाद, अमेरिका से लकड़ी व लौह अयस्क और भारत से कोहिनूर जैसे अमूल्य रत्नों की यह जब्ती आज तक सवालों के घेरे में है। मोदी का यह दौरा सिर्फ व्यापार नहीं, ऐतिहासिक जवाबदेही की मांग भी बनकर उभरा है।

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