शुभांशु की अंतरिक्ष यात्रा पर अक्षरधाम की श्रद्धांजलि

नई दिल्ली: अंतरिक्ष में 18 दिन बिताने के बाद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की धरती पर सकुशल वापसी से देशभर में गर्व और उत्साह का माहौल है। राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले वह दूसरे भारतीय हैं, जिन्होंने 25 जून को फ्लोरिडा से स्पेसएक्स के ज़रिए उड़ान भरते हुए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर ऐतिहासिक कदम रखा। इस मिशन के दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में सात वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें मेथी और मूंग के बीजों का सफलतापूर्वक अंकुरण भी शामिल है।

शुभांशु की इस उपलब्धि को लेकर दिल्ली के स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर में एक विशेष सांस्कृतिक नौका विहार के माध्यम से अंतरिक्ष यात्रा का जीवंत चित्रण प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्तुति में वैदिक काल के तारादर्शकों से लेकर आधुनिक अंतरिक्ष विज्ञानियों तक भारत की ब्रह्मांडीय यात्रा को दर्शाया गया। अक्षरधाम के प्रवक्ता ने कहा, “यह हमारे अतीत और भविष्य के बीच की एक आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कड़ी है, जो दर्शाती है कि आकाश कभी सीमा नहीं, बल्कि एक आरंभ है।”

हजारों वर्ष पहले ऋषियों द्वारा ताड़पत्रों पर बनाए गए खगोलीय मानचित्रों से लेकर आज के आधुनिक स्पेस मिशनों तक, भारत की अंतरिक्ष यात्रा निरंतर जारी है। शुभांशु शुक्ला का यह मिशन न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि यह आने वाले वर्षों में भारत के कमर्शियल स्पेस स्टेशन की राह भी प्रशस्त कर सकता है। अक्षरधाम का यह भावपूर्ण आयोजन एक बार फिर यह सिद्ध करता है कि भारत की सांस्कृतिक और वैज्ञानिक धरोहर एक-दूसरे से अटूट रूप से जुड़ी हैं।

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