मोदी की शुभकामनाओं से चिढ़ा चीन, दलाई लामा पर जताई आपत्ति

नई दिल्ली। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाओं ने एक बार फिर भारत-चीन संबंधों में तल्खी बढ़ा दी है। पीएम मोदी ने रविवार को दलाई लामा के प्रति सम्मान जताते हुए कहा कि वे प्रेम, करुणा और नैतिकता के प्रतीक हैं। उनके जन्मदिन समारोह में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, लोकसभा सांसद राजीव रंजन सिंह, अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

इस पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भारत से विरोध दर्ज कराया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने सोमवार को कहा कि 14वें दलाई लामा एक ‘राजनीतिक निर्वासित’ हैं और उन्होंने लंबे समय से तिब्बत को चीन से अलग करने की कोशिश की है। चीन ने भारत को आगाह किया कि वह तिब्बत जैसे संवेदनशील मुद्दों पर ‘सोच-समझकर’ काम ले और चीन की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे।

विश्लेषकों के अनुसार, यह चीन की वही पुरानी नीति है, जिसके तहत वह तिब्बती अस्मिता से जुड़े किसी भी वैश्विक समर्थन को संप्रभुता पर हमला मानता है। जबकि भारत ने अब तक तिब्बत को लेकर एक संतुलित रुख अपनाया है। मोदी द्वारा दलाई लामा को सार्वजनिक शुभकामना देना न केवल भारत की कूटनीतिक स्वतंत्रता का संकेत है, बल्कि एक मानवीय मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है।

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