भारत को मिली QRSAM की ताकत, सीमा पर बढ़ेगी सुरक्षा

नई दिल्ली, 25 जून — रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना की एयर डिफेंस को मजबूत करने के उद्देश्य से स्वदेशी क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (QRSAM) प्रणाली की तीन नई रेजिमेंट्स को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय ऑपरेशन सिंदूर के दौरान QRSAM की शानदार परफॉर्मेंस के बाद लिया गया है। करीब 36,000 करोड़ रुपये की इस खरीद से पाकिस्तान और चीन सीमा पर भारत की सुरक्षा क्षमता में महत्वपूर्ण इजाफा होगा।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित QRSAM को भारत डायनामिक्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड मिलकर तैयार करेंगे। यह प्रणाली खास तौर पर सेना की तेज़ मूवमेंट वाली यूनिट्स के साथ चलने के लिए डिजाइन की गई है। इसके दो एडवांस्ड AESA रडार, मल्टी टारगेट एंगेजमेंट और फायर ऑन शॉर्ट हॉल्ट जैसी खूबियां इसे दुश्मन के ड्रोन, मिसाइल और एयरक्राफ्ट के खिलाफ बेहद प्रभावशाली बनाती हैं। ऑपरेशन सिंदूर में QRSAM ने कम ऊंचाई पर आने वाले पाकिस्तानी ड्रोन और हथियारों को तत्काल नष्ट कर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया था।

यह प्रणाली अब पंजाब, राजस्थान, जम्मू जैसे पश्चिमी सेक्टरों के साथ-साथ लद्दाख और अरुणाचल के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी तैनात की जाएगी। साथ ही, महत्वपूर्ण एयरबेस और सैन्य परिसरों की सुरक्षा भी QRSAM के ज़िम्मे होगी। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रणाली भारत की मल्टी-लेयर एयर डिफेंस स्ट्रैटेजी को पूर्णता प्रदान करती है और विदेशी रक्षा उपकरणों पर निर्भरता को कम करते हुए ‘मेक इन इंडिया’ को नई दिशा देती है।

 

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