अमेरिका की रक्षा लागत संकट: THAAD पर एक अरब डॉलर

अमेरिका ने इसराइल की सुरक्षा के लिए 12 दिन में ही अपने THAAD सिस्टम पर एक अरब डॉलर से अधिक खर्च कर दिए, जिससे उसकी सैन्य और आर्थिक क्षमता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। मिलिट्री वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के मिसाइल हमलों के जवाब में अमेरिका ने लगभग 60–80 THAAD इंटरसेप्टर मिसाइलें दागीं, जिनकी लागत प्रति यूनिट 12–15 मिलियन डॉलर तक है। यह अमेरिका की वार्षिक उत्पादन क्षमता से अधिक है, जिससे वाशिंगटन की तैयारियों पर गंभीर असर पड़ा है।

इसराइल के एयर डिफेंस को मज़बूत करने में अमेरिका का यह हस्तक्षेप तब हुआ जब वह युद्ध का सीधा पक्ष नहीं था। जानकार मानते हैं कि अगर ईरान ने अपनी पूरी मिसाइल क्षमता का उपयोग किया होता, तो यह खर्च और भी अधिक हो सकता था। अमेरिका की केवल पांच सक्रिय THAAD रेजिमेंट के चलते उसका यह भंडार पहले ही 20% तक कम हो चुका है। विशेषज्ञों के अनुसार, दक्षिण कोरिया और गुआम जैसे क्षेत्रों में भी THAAD की तैनाती है, जिससे अमेरिका की वैश्विक सैन्य संतुलन पर भी असर पड़ सकता है।

अर्थव्यवस्था की दृष्टि से देखें तो अमेरिका पहले ही 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक कर्ज में डूबा हुआ है। ऐसे में एक अरब डॉलर का अतिरिक्त खर्च कई नागरिकों को परेशान कर रहा है, जो चाहते हैं कि यह बजट घरेलू मुद्दों पर लगे। रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि यदि मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ता है, तो अमेरिका को अपनी रणनीतिक प्राथमिकताओं और THAAD जैसे महंगे रक्षा सिस्टम की पुनर्रचना पर गंभीरता से विचार करना होगा।

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