पुतिन की नज़र यूक्रेन के औद्योगिक दिल पर

अलास्का समिट के बाद से रूस और अमेरिका के बीच कूटनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शांति समझौते की पेशकश करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से डोनबास को रूस के हवाले करने की मांग रखी। कोयला, भारी उद्योग और ऊर्जा संसाधनों से भरपूर डोनबास को यूक्रेन की अर्थव्यवस्था का “दिल” कहा जाता है। यही वजह है कि पुतिन इसे हासिल कर रूस का प्रभाव ब्लैक सी और अजोव सागर तक बढ़ाना चाहते हैं।

हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने स्पष्ट किया है कि डोनबास को किसी भी कीमत पर रूस को नहीं सौंपा जाएगा। डोनेट्स्क और लुहांस्क के इस औद्योगिक क्षेत्र में यूक्रेनी सेना ने 2014 से मजबूत सुरक्षा तंत्र खड़ा किया है। क्रामाटोर्स्क और स्लोवियास्क जैसे शहर अब भी यूक्रेन के कब्जे में हैं, जहां भारी संख्या में सैनिक तैनात हैं। रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि अगर रूस इस क्षेत्र पर पूरी तरह कब्जा कर लेता है, तो यूक्रेन की सुरक्षा स्थिति बेहद कमजोर हो जाएगी।

विशेषज्ञों के अनुसार, डोनबास का नुकसान यूक्रेन के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। इससे न केवल उसकी GDP पर सीधा असर पड़ेगा बल्कि रूस को खार्किव और पोल्टावा जैसे रणनीतिक शहरों तक पहुंचने का रास्ता भी मिल जाएगा। 2014 से जारी संघर्ष में हजारों सैनिकों ने अपनी जान गंवाई है, और आज भी यह इलाका दोनों देशों के बीच संघर्ष का केंद्र बना हुआ है।

ताज़ा खबर

स्विगी-बाउंस साझेदारी से डिलीवरी में आएगी रफ्तार

रिलायंस इंफ्रा के शेयरों में उछाल, NHPC से मिला बड़ा प्रोजेक्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत मालवीय की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

GST रिफॉर्म से ऑटो और बैंकिंग शेयरों में दिखेगी रफ्तार