ईरान-सऊदी रिश्ता: दुश्मनी से बढ़ती दोस्ती

मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक बदलावों के बीच ईरान और सऊदी अरब के रिश्तों में नई गर्माहट देखी जा रही है। इजराइल और अमेरिका से बढ़ते तनाव के बाद ईरान अब अपने पुराने विरोधियों के साथ संबंध सुधारने की कोशिशों में जुट गया है। इसी क्रम में ईरान के नए सशस्त्र बल प्रमुख मेजर जनरल अब्दुलरहीम मौसवी और सऊदी रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान के बीच हाल ही में फोन पर पहली आधिकारिक बातचीत हुई। दोनों पक्षों ने रक्षा सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।

यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब ईरान-इजराइल के बीच हालिया संघर्ष के बाद ईरान अपनी रणनीतिक स्थिति को दोबारा मजबूत करना चाहता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह संपर्क केवल औपचारिक नहीं बल्कि एक गंभीर कूटनीतिक प्रयास का संकेत है। 13 जून को मेजर जनरल मौसवी के पद संभालने के बाद यह उनकी पहली उच्चस्तरीय विदेश संपर्क गतिविधि थी, जिससे साफ है कि सऊदी अरब ईरान की विदेश नीति में अब प्राथमिकता बन चुका है।

गौरतलब है कि शिया बहुल ईरान और सुन्नी नेतृत्व वाले सऊदी अरब के बीच दशकों से वैचारिक और राजनीतिक टकराव चला आ रहा है। यमन, सीरिया और इराक में दोनों देश लंबे समय से एक-दूसरे के विरोधी गुटों को समर्थन देते आए हैं। हालांकि चीन की मध्यस्थता में 2023 में शुरू हुई शांति प्रक्रिया के बाद यह पहला मौका है जब दोनों देशों के शीर्ष रक्षा अधिकारियों ने आधिकारिक वार्ता की है। यह कदम मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन के लिहाज से अहम माना जा रहा है।

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