भारत ने रोका सिंधु जल, पाकिस्तान ने कहा- युद्ध माना जाएगा

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला लिया गया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने गुरुवार को अपनी नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NSC) की बैठक बुलाई और भारत के इस कदम को “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया। पाकिस्तानी पीएमओ ने कहा, “सिंधु जल 24 करोड़ लोगों की जीवन रेखा है, इसे रोकना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है।”

पाकिस्तान ने भारत के वाघा बॉर्डर बंद करने के जवाब में अपनी ओर से भी बॉर्डर सील कर दिया और भारतीय नागरिकों को 30 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश जारी किया। साथ ही, SAARC वीजा योजना के तहत भारतीयों के सभी वीजा रद्द कर दिए गए। पाकिस्तान ने शिमला समझौते सहित सभी द्विपक्षीय समझौतों को तत्काल प्रभाव से रोकने और भारत के साथ व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। पाकिस्तानी ऊर्जा मंत्री अवैस लेगारी ने इसे “पानी युद्ध” करार देते हुए कहा, “हम हर कीमत पर अपने जल अधिकारों की रक्षा करेंगे।”

यह तनाव क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती पेश करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि विश्व बैंक द्वारा मध्यस्थता वाली सिंधु जल संधि का एकतरफा निलंबन दोनों देशों के बीच संघर्ष को और गहरा सकता है। भारत का दावा है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, जबकि पाकिस्तान ने हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बढ़ते तनाव पर नजर रखे हुए है।

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