राज कपूर ने मानी स्पॉटबॉय की बात, बना ब्लॉकबस्टर

हिंदी सिनेमा के ‘शोमैन’ राज कपूर अपने निर्देशन के लिए जितने प्रसिद्ध थे, उतने ही खुले विचारों के भी माने जाते थे। उनकी 1985 की फिल्म राम तेरी गंगा मैली न केवल अपने समय की सबसे बड़ी हिट बनी, बल्कि इसके पीछे एक दिलचस्प किस्सा भी जुड़ा है। शूटिंग के दौरान एक साधारण स्पॉटबॉय लक्ष्मण की तकनीकी सलाह को मानकर राज कपूर ने एक अहम सीन को क्रेन से शूट किया — यह निर्णय फिल्म की सिनेमैटिक खूबसूरती में चार चांद लगा गया।

राज कपूर की यही विनम्रता और हर सुझाव को महत्व देना, उन्हें अपने समकालीन निर्देशकों से अलग बनाता है। फिल्म में राजीव कपूर और मंदाकिनी की जोड़ी, खासकर मंदाकिनी का झरने के नीचे सफेद साड़ी में फिल्माया गया दृश्य, न सिर्फ दर्शकों को याद रह गया बल्कि विवादों में भी रहा। फिल्म के गीतों ने भी लोकप्रियता के नए कीर्तिमान रचे। कुल 1.44 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने करीब 9.5 करोड़ रुपये की कमाई कर बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रच दिया।

राम तेरी गंगा मैली के सफल प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया कि सिनेमा में छोटे से छोटा योगदान भी बड़ी सफलता का आधार बन सकता है। राज कपूर ने न सिर्फ सिनेमा को नया दृष्टिकोण दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि एक महान निर्देशक वह होता है जो सीखने के लिए हमेशा तैयार रहता है — चाहे वह सुझाव किसी स्पॉटबॉय का ही क्यों न हो।

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