भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी से टूटेगा चीन का दबदबा

चीन की हालिया रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर निर्यात प्रतिबंधों ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है। ऐसे में भारत, जो अभी तक इन तत्वों के लिए चीन पर भारी निर्भर था, अब विकल्प तलाशने में तेजी दिखा रहा है। इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलिया का न्यू साउथ वेल्स (NSW) राज्य भारत के लिए संभावनाओं का नया द्वार खोलता दिख रहा है। इंडिया एनर्जी स्टोरेज वीक 2025 के दौरान ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट कमिश्नर मालिनी दत्त ने कहा कि भारत और न्यू साउथ वेल्स के बीच कई कंपनियों और प्रोजेक्ट मालिकों के साथ शुरुआती बातचीत जारी है।

रेयर अर्थ एलिमेंट्स बैटरी, इलेक्ट्रिक वाहन, रक्षा तकनीक और हाईटेक उत्पादों के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। मालिनी दत्त के अनुसार, दोनों देशों की सरकारें और निजी क्षेत्र मिलकर सप्लाई चेन को स्थिर करने के लिए रणनीतिक सहयोग पर विचार कर रहे हैं। क्वाड देशों—भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान—की हालिया बैठक के बाद इस दिशा में गति आई है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि इन महत्त्वपूर्ण संसाधनों को लेकर अंतरराष्ट्रीय सहयोग अब अनिवार्य हो चला है।

भारत के लिए यह साझेदारी कई मायनों में अहम है। चीन की पाबंदियों ने न केवल उद्योगों की आपूर्ति शृंखला को प्रभावित किया है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी परियोजनाओं को भी असमंजस में डाला है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच बढ़ता सहयोग न केवल आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा, बल्कि वैश्विक रेयर अर्थ बाजार में संतुलन भी स्थापित कर सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले महीनों में इस साझेदारी को लेकर औपचारिक घोषणाएं भी संभव हैं।

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