मॉरीशस को पीएम मोदी की खास तवज्जो क्यों मिल रही है?

मात्र 12 लाख की आबादी और भारत से 5,100 किलोमीटर दूर होने के बावजूद मॉरीशस भारत की विदेश नीति में एक अहम भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम से फोन पर बात की और दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। पीएम मोदी ने इस बातचीत को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए मॉरीशस को भारत के ‘विजन महासागर’ और ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति का महत्वपूर्ण भागीदार बताया।

पिछले मार्च में पीएम मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे, जहां उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी नवाज़ा गया। यह सम्मान इस बात का संकेत है कि दोनों देशों के बीच न सिर्फ सांस्कृतिक बल्कि सामरिक रिश्ते भी मजबूत हो रहे हैं। हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सक्रियता बढ़ाने और चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए मॉरीशस जैसे द्वीपीय राष्ट्रों से सहयोग को प्राथमिकता दी जा रही है।

‘विजन महासागर’ पहल के तहत भारत ने समुद्री सुरक्षा, व्यापार और भू-राजनीतिक स्थिरता पर विशेष फोकस किया है। मॉरीशस के साथ रक्षा सहयोग, समुद्री निगरानी और सूचना साझाकरण जैसे कदम उठाकर भारत अपनी क्षेत्रीय उपस्थिति मजबूत कर रहा है। आर्थिक मोर्चे पर भी संबंध गहरे हैं—वित्त वर्ष 2023–24 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 851.13 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। महामारी और संकट की घड़ी में भारत की त्वरित सहायता ने मॉरीशस में उसकी विश्वसनीयता को और मजबूत किया है।

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