घाना में मोदी की एंट्री से भारत की सोने की कूटनीति तेज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 2 जुलाई से अपने पांच देशों के दौरे की शुरुआत अफ्रीकी देश घाना से करने जा रहे हैं। यह दौरा विशेष महत्व रखता है क्योंकि तीन दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली घाना यात्रा होगी। पीएम मोदी द्विपक्षीय वार्ता, संसद को संबोधन और भारतीय समुदाय से मुलाकात जैसी कई अहम गतिविधियों में शामिल होंगे। इस दौरे से भारत और घाना के सात दशक पुराने संबंधों को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।

घाना अफ्रीका का सबसे बड़ा और दुनिया का छठा सबसे बड़ा सोना उत्पादक देश है, और भारत इसके सोने का सबसे बड़ा खरीदार। भारत, घाना से अपने कुल आयात का 70 प्रतिशत से अधिक केवल सोने के रूप में प्राप्त करता है। वर्तमान में दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग 3 बिलियन डॉलर का है। वहीं भारत, घाना को फार्मास्यूटिकल्स, अनाज और स्टील जैसे महत्वपूर्ण उत्पादों की आपूर्ति करता है। पीएम मोदी का यह दौरा न केवल द्विपक्षीय सहयोग को मजबूती देगा, बल्कि कृषि, रक्षा, डिजिटल और वैक्सीन उत्पादन जैसे क्षेत्रों में नई संभावनाओं के द्वार भी खोलेगा।

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह यात्रा भारत की अफ्रीका नीति को रणनीतिक गहराई प्रदान करेगी। पीएम मोदी का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब घाना अवैध सोना खनन पर लगाम लगाने के लिए संघर्ष कर रहा है। ऐसे में भारत के साथ तकनीकी सहयोग और निवेश से उसे मदद मिल सकती है। भारत के लिए घाना सिर्फ एक व्यापारिक साझेदार नहीं, बल्कि पश्चिम अफ्रीका में प्रवेश का एक रणनीतिक द्वार है।

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