FD से GST तक, 1 अप्रैल से बदल जाएंगे कई नियम, एक नजर में जानें

अब बस कुछ ही घंटे बाकी हैं। 1 अप्रैल, मंगलवार से नया वित्त वर्ष 2025-26 शुरू हो रहा है। इस नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही देश के वित्तीय क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव होने जा रहा है। बैंकिंग, शेयर बाजार, आयकर, विभिन्न निवेश योजनाएं- लगभग हर क्षेत्र में कुछ न कुछ बदलाव आने वाला है।

ये बदलाव सीधे आपके वित्तीय जीवन पर प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए नए वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले इन महत्वपूर्ण बदलावों पर एक नजर डाल लें:

आयकर सीमा: नौकरीपेशा लोगों के लिए अच्छी खबर! 2025-26 वित्त वर्ष में 12 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर कोई आयकर नहीं देना होगा। साथ ही, धारा 87A के तहत टैक्स छूट की राशि 25,000 रुपये से बढ़कर 60,000 रुपये हो जाएगी। इससे मध्यम वर्ग के नौकरीपेशा लोगों को कर के बोझ से कुछ हद तक राहत मिलेगी।

अप्रयुक्त UPI नंबर निष्क्रिय: डिजिटल लेनदेन के क्षेत्र में UPI नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है। पिछले 12 महीनों से जिन UPI नंबरों का उपयोग नहीं हुआ है, उन्हें 1 अप्रैल से निष्क्रिय कर दिया जाएगा। इसलिए यदि आपके पास कोई पुराना फोन नंबर है जिसका लंबे समय से उपयोग नहीं हुआ है, लेकिन उस पर UPI सक्रिय है, तो 31 मार्च तक उस नंबर को रिचार्ज कर लें। अन्यथा 1 अप्रैल से आपकी UPI सेवा बंद हो सकती है।

डिविडेंड आय: शेयर बाजार में निवेशकों के लिए भी नया नियम आ रहा है। यदि आपका पैन कार्ड आधार से लिंक नहीं है, तो 1 अप्रैल से कोई डिविडेंड (लाभांश) नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं, पैन-आधार लिंक न होने पर डिविडेंड और पूंजीगत लाभ पर TDS (स्रोत पर कर) की दर भी अधिक होगी। इसलिए निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे 31 मार्च तक अपने पैन और आधार को लिंक कर लें।

GST दर में वृद्धि: होटल व्यवसाय के क्षेत्र में भी GST नियमों में बदलाव आ रहा है। जिन होटलों में किसी एक कमरे का एक दिन का किराया साढ़े सात हजार रुपये से अधिक है, वहां 18 प्रतिशत की दर से GST (वस्तु एवं सेवा कर) लगाया जाएगा। इससे luxary होटलों में ठहरने का खर्च बढ़ सकता है।

न्यूनतम बैलेंस: बचत खाता उपयोगकर्ताओं के लिए भी महत्वपूर्ण संदेश। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और केनरा बैंक के बचत खातों में ग्राहकों को एक निश्चित न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना होगा। यदि कोई ग्राहक इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसे जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। न्यूनतम बैलेंस की राशि खाते के उस शाखा पर निर्भर करेगी (जैसे ग्रामीण, उपनगरीय या शहरी)। ग्रामीण क्षेत्र की शाखाओं के खातों के लिए न्यूनतम बैलेंस शहरी शाखाओं की तुलना में कम हो सकता है।

नकद निकासी: ATM से पैसे निकालने के नियम में भी बदलाव आ रहा है। 1 अप्रैल से ATM से मुफ्त नकद निकासी की अधिकतम सीमा में बदलाव हो सकता है। नए नियम के अनुसार, ग्राहक हर महीने अन्य बैंकों के ATM से शायद केवल तीन मुफ्त लेनदेन कर सकेंगे। इसके बाद प्रत्येक लेनदेन के लिए 20 से 25 रुपये तक का शुल्क लिया जा सकता है। इस बारे में विस्तृत जानकारी के लिए अपने बैंक से संपर्क करने की सलाह दी जा रही है।

फिक्स्ड डिपॉजिट दर: नए वित्त वर्ष की शुरुआत में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में भी बदलाव हो सकता है। विभिन्न सरकारी और निजी वित्तीय संस्थान नए वित्त वर्ष में अपनी FD की नई ब्याज दरों की घोषणा कर सकते हैं। जो लोग FD में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें नई दरों के बारे में जानकारी लेनी चाहिए।

नए वित्त वर्ष की शुरुआत में ये बदलाव आपकी वित्तीय योजना पर प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए 31 मार्च से पहले इन नियमों को अच्छी तरह समझ लें और उसके अनुसार अपनी तैयारी पूरी कर लें।

ताज़ा खबर

दुनिया पर राज करतीं रिलायंस, एनवीडिया, टोयोटा

LAC पर तैयार दुनिया का सबसे ऊंचा एयरबेस

शाहरुख खान को क्यों लगा- शायद मैं अच्छा बाप नहीं हूं

क्या ‘सैयारा’ कोरियन फिल्म की कॉपी है? उठे सवाल