असम में हाईवे पर लड़ाकू जेट्स की लैंडिंग तैयारी

भारत पूर्वोत्तर में अपनी सामरिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है। पहली बार असम में राष्ट्रीय राजमार्ग को भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए तैयार किया जा रहा है। डिब्रूगढ़ के पास मोरान से नुमालीगढ़ तक 4.2 किमी लंबे इस खंड पर सुखोई-30 और राफेल जैसे विमानों की आपात लैंडिंग करवाई जा सकेगी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पुष्टि की है कि यह सुविधा अक्टूबर तक चालू करने का लक्ष्य है, और वायुसेना अधिकारी इस पर कड़ी निगरानी बनाए हुए हैं।

चीन और बांग्लादेश की सीमाओं के समीप इस तरह की तैयारी को सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लगातार चीनी गतिविधियों और बांग्लादेश के साथ बिगड़ते संबंधों को देखते हुए केंद्र सरकार पूर्वोत्तर में इंफ्रास्ट्रक्चर को सैन्य जरूरतों के अनुरूप ढालने की रणनीति पर कार्यरत है। इस पहल के तहत नागरिक विमानों की आपातकालीन लैंडिंग की व्यवस्था भी की जा रही है, जिससे आपदा के समय नागरिक उड़ानों का संचालन भी संभव हो सके।

केंद्र सरकार ने असम में दो अन्य स्थानों—लोअर असम और नागांव-लुमडिंग सेक्शन—में भी इसी तरह के हाईवे तैयार करने को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, “यह केवल असम के इंफ्रास्ट्रक्चर को नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूती देने वाला कदम है। चीन की चुनौती के बीच यह रणनीति निर्णायक साबित हो सकती है।”

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