हायर हिस्सेदारी: अंबानी-मित्तल में छिड़ी जंग!

मुंबई: चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज हायर की भारतीय इकाई में हिस्सेदारी खरीदने की होड़ में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और सुनील मित्तल की भारती एंटरप्राइजेज आमने-सामने हैं। हायर, जो भारत में एलजी और सैमसंग के बाद तीसरे स्थान पर है, अपनी 25% से 51% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। इसका मकसद भारतीय बाजार में स्थानीय साझेदारों के साथ कारोबार विस्तार करना है। “यह डील भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में नई प्रतिस्पर्धा ला सकती है,” कहते हैं उद्योग विश्लेषक राहुल मेहता।

हायर का मूल्यांकन 2 से 2.3 बिलियन डॉलर के बीच है, जिसमें नियंत्रण प्रीमियम शामिल है। कंपनी सिटीग्रुप के साथ मिलकर प्राइवेट इक्विटी फंड्स और फैमिली ऑफिस से बातचीत कर रही है। रिलायंस ने इस साल गैर-बाध्यकारी पेशकश के साथ दौड़ में प्रवेश किया, और इसके सलाहकारों ने हायर के चिंगदाओ मुख्यालय से संपर्क किया। दूसरी ओर, मित्तल कुछ हफ्ते पहले हायर के शीर्ष प्रबंधन से मिलने चीन गए। दोनों कंपनियां टेलीकॉम में पहले से प्रतिद्वंद्वी हैं, और अब हायर हिस्सेदारी की यह लड़ाई उनकी प्रतिस्पर्धा को नया आयाम दे रही है।

हायर एक ऐसा ढांचा चाहती है, जिसमें भारतीय साझेदार 45-48% इक्विटी के साथ सबसे बड़ा शेयरधारक बने, जबकि 3-6% कर्मचारियों और वितरकों के लिए रखा जाए। रिलायंस रिटेल, जो बीपीएल और केल्विनेटर जैसे ब्रांड्स के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स में सक्रिय है, इस अधिग्रहण का माध्यम हो सकती है। हालांकि, डील अभी प्रारंभिक चरण में है, और अन्य निवेशक भी रुचि दिखा रहे हैं। यह अधिग्रहण भारतीय उपभोक्ताओं के लिए किफायती और नवीन उत्पाद ला सकता है, लेकिन अंतिम विजेता कौन होगा, यह समय बताएगा।

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