बांग्लादेश में राष्ट्रपति की तस्वीर हटाने से राजनीतिक अटकलें तेज

ढाका से आई एक चौंकाने वाली खबर ने बांग्लादेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। विदेश मंत्रालय ने हाल ही में विदेशों में स्थित दूतावासों और हाइकमिशनों को आदेश दिया कि वे तत्काल राष्ट्रपति मोहम्मद शाहाबुद्दीन की तस्वीरें हटा दें। इस कदम से राजनीतिक हलकों और जनता के बीच कयासबाज़ी शुरू हो गई है कि क्या अब देश में सत्ता संतुलन एक बार फिर बदलने वाला है।

लंदन हाईकमिशन सहित यूरोप और मध्यपूर्व के कई दूतावासों ने पुष्टि की है कि उन्हें शुक्रवार रात आदेश मिला और तस्वीरें हटा दी गईं। हालांकि कुछ मिशनों का कहना है कि उन्हें मौखिक निर्देश मिले, जबकि कुछ को फोन पर सीधे कहा गया। इस मामले ने सोशल मीडिया पर भी बहस को हवा दी है। लोगों ने सवाल उठाया कि क्या राष्ट्रपति को पद से हटाने की तैयारी हो रही है, ठीक वैसे ही जैसे पिछले साल शेख हसीना सरकार के पतन के बाद हुआ था।

पूर्व सचिव ए.के.एम. अब्दुल आवल मजूमदार का कहना है कि पहले कानून में केवल शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर लगाने का नियम था, लेकिन राष्ट्रपति की तस्वीर हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। वहीं, कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि तस्वीरें हटाने के पीछे सरकार की नई सत्ता संरचना का संकेत छिपा हो सकता है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि बांग्लादेश का राजनीतिक भविष्य किस दिशा में बढ़ रहा है।

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