तेजस को मिला दूसरा GE-404 इंजन, बढ़ेगी मारक क्षमता

भारतीय वायुसेना को स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम में एक और बड़ी सफलता मिली है। अमेरिका से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को तेजस MK-1A के लिए दूसरा GE-404 इंजन प्राप्त हो गया है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस साल के अंत तक ऐसे 12 और इंजन भारत को मिलने की उम्मीद है। यह तेजस की युद्धक क्षमता में न सिर्फ इजाफा करेगा, बल्कि भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति को भी मजबूती देगा।

HAL द्वारा विकसित तेजस MK-1A एक उन्नत हल्का लड़ाकू विमान है, जिसे नवीनतम तकनीक और अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों से सुसज्जित किया गया है। इसमें लगे GE-404 इंजन (विशेष रूप से GE-404-IN20) की खासियत इसकी उच्च थ्रस्ट क्षमता और भरोसेमंद प्रदर्शन है। यह इंजन लगभग 84 kN का आफ्टरबर्निंग थ्रस्ट प्रदान करता है, जिससे तेजस मैक 1.6 की गति तक पहुंच सकता है। इसका FADEC सिस्टम और सिंगल-क्रिस्टल टर्बाइन ब्लेड इंजन की दक्षता व दीर्घायु सुनिश्चित करते हैं।

भारतीय वायुसेना ने 83 तेजस MK-1A जेट के लिए 99 GE-404 इंजन का ऑर्डर दिया है, जिनमें से दो अब भारत पहुंच चुके हैं। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह सहयोग HAL और भारतीय वायुसेना के बीच तकनीकी सामर्थ्य और उत्पादन क्षमता का प्रतीक है। आने वाले महीनों में जब सभी इंजन प्राप्त हो जाएंगे, तब भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम को एक नई उड़ान मिलेगी, जो क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।

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