नई भूमि नियमों से रजिस्ट्री रद्द का खतरा बढ़ा

नई दिल्ली। साल 2025 की शुरुआत के साथ ही Land Registry से जुड़े नियमों में ऐतिहासिक बदलाव लागू हो गए हैं। अब जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल हो चुकी है, जिसमें आधार-पैन लिंकिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग और ब्लॉकचेन जैसी आधुनिक तकनीकों का समावेश किया गया है। हालांकि इन बदलावों के साथ एक बड़ी सख्ती भी आई है—गलत दस्तावेज, फर्जी पहचान या धोखाधड़ी की स्थिति में अब रजिस्ट्री सीधे रद्द की जा सकती है।

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, इस परिवर्तन का उद्देश्य भूमि सौदों में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाना है। रजिस्ट्रार कार्यालय में कार्यरत राजेश त्रिपाठी ने बताया, “अब हर रजिस्ट्री के पीछे एक डिजिटल ट्रेल होगा। गलत जानकारी देने वालों को अब कोई राहत नहीं मिलेगी।” यदि रजिस्ट्री नाबालिग द्वारा, विवादित भूमि पर या बिना असली मालिक के नाम से कराई गई है, तो संबंधित व्यक्ति को गंभीर कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि Land Registry प्रक्रिया के डिजिटलीकरण से भ्रष्टाचार और दोहरी बिक्री जैसी समस्याओं पर लगाम लगेगी, लेकिन आम नागरिकों को सतर्क रहना होगा। वकील रेनू शर्मा के अनुसार, “हर खरीदार को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि वह जिन कागज़ात पर हस्ताक्षर कर रहा है, वे पूरी तरह वैध और सत्यापित हों।” रजिस्ट्री के 90 दिनों के भीतर रद्द करने के लिए आवेदन किया जा सकता है, और आवश्यक दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।

 

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