एयरहोस्टेस बनना चाहती थीं तब्बू, बन गईं स्टार

बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री तब्बू, जिन्हें आज उनकी गंभीर भूमिकाओं और सधी हुई अदाकारी के लिए जाना जाता है, कभी अभिनय की दुनिया में आना ही नहीं चाहती थीं। तब्बू का बचपन हैदराबाद में बीता और वह शुरू से ही पढ़ाई में रुचि रखती थीं। उन्होंने एक पुराने इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उनका सपना एयरहोस्टेस बनने का था, न कि एक्ट्रेस। “मुझे न एक्टिंग में रुचि थी, न ही फिल्में देखने में,” उन्होंने सिमी ग्रेवाल के साथ बातचीत में कहा था।

तब्बू, मशहूर एक्ट्रेस शबाना आज़मी की भतीजी और 80 के दशक की एक्ट्रेस फराह नाज़ की छोटी बहन हैं। फराह जहां बॉलीवुड में कुछ वर्षों तक ही सक्रिय रहीं, वहीं तब्बू ने अपनी प्रतिभा से लंबा और प्रभावशाली करियर बनाया। उन्होंने फिल्मों में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर 1985 में देव आनंद की फिल्म ‘नौजवान’ से शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने 1991 में तमिल फिल्म ‘कुली नंबर 1’ और फिर 1994 में हिंदी फिल्म ‘पहला पहला प्यार’ से लीड एक्ट्रेस के रूप में डेब्यू किया।

‘विजयपथ’ (1994) से तब्बू को असली पहचान मिली और उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालांकि उनका झुकाव कभी इस क्षेत्र की ओर नहीं था, लेकिन किस्मत ने उन्हें यहां ला खड़ा किया। आज तब्बू का नाम हिंदी सिनेमा की सबसे प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में लिया जाता है — यह एक उदाहरण है कि कभी-कभी हमारे रास्ते हम नहीं, किस्मत तय करती है।

 

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