क्रिप्टो नीति पर RBI का सख्त रुख जल्द ला सकती है नई गाइडलाइन

नई दिल्ली। भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहस अब नीतिगत स्तर तक पहुंच गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) जल्द ही एक ठोस नीति लाने की तैयारी में है, जिससे देश में अनियंत्रित डिजिटल सिक्कों के लेनदेन पर लगाम लगाई जा सके। संसद की वित्त मामलों की समिति को जानकारी देते हुए RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि वैश्विक रुझानों को देखते हुए भारत भी जल्द ही क्रिप्टो पर एक नीति पत्र जारी कर सकता है, जिसे सरकार के उच्च स्तर से मंजूरी मिलनी बाकी है।

इस दिशा में RBI की चिंता यह है कि क्रिप्टो का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद की फंडिंग और आर्थिक अस्थिरता को बढ़ावा दे सकता है। मल्होत्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत में पहले से ही UPI जैसी डिजिटल भुगतान प्रणाली सफलतापूर्वक कार्य कर रही है, जिससे क्रिप्टोकरेंसी की जरूरत कम महसूस होती है। हालांकि, RBI का जोर इस बात पर है कि भविष्य में यदि इसकी मांग बढ़े, तो उसके लिए एक स्पष्ट और कड़ा फ्रेमवर्क पहले से तैयार होना चाहिए।

RBI इस वक्त अपनी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) पर काम कर रहा है, जिसे पारंपरिक क्रिप्टो की तुलना में अधिक सुरक्षित और नियंत्रित माना जा रहा है। देश में क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए FIU में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन कानूनी मान्यता अब भी लंबित है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की बदली सोच से जहां क्रिप्टो को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं भारत की दिशा अभी अधिक सतर्क और संरचित नजर आ रही है।

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