F-35 की वापसी में मददगार बनेगा मिलिट्री कार्गो एयरक्राफ्ट

तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बीते दो हफ्तों से खड़े ब्रिटिश रॉयल नेवी के एडवांस फाइटर जेट F-35 की मरम्मत अब तक नहीं हो सकी है। 14 जून को इसकी इमरजेंसी लैंडिंग के बाद से यह ग्राउंडेड है। अब संभावना जताई जा रही है कि इस फाइटर जेट को टुकड़ों में काटकर ब्रिटेन के अत्याधुनिक मिलिट्री कार्गो एयरक्राफ्ट C-17 ग्लोबमास्टर III से वापस ले जाया जाएगा।

C-17 ग्लोबमास्टर III, जिसे अमेरिकी कंपनी बोइंग ने तैयार किया है, दुनियाभर में अपनी भारी सामान ले जाने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स के पास ऐसे 8 विमान हैं, जो 77 टन तक भार उठा सकते हैं। यह एयरक्राफ्ट न केवल टैंक और सैनिकों को युद्धक्षेत्र तक पहुंचा सकता है, बल्कि प्राकृतिक आपदा और राहत अभियानों में भी इसका इस्तेमाल होता रहा है। इसकी लंबी दूरी तक उड़ान भरने की क्षमता और एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग जैसे फीचर इसे और भी खास बनाते हैं।

F-35 की बात करें तो यह सिंगल-सीट, स्टेल्थ टेक्नोलॉजी से लैस, मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसकी टॉप स्पीड 1,930 किमी/घंटा है। इसका 360 डिग्री व्यू और रडार को चकमा देने की क्षमता इसे दुनिया के सबसे उन्नत युद्धक विमानों में शामिल करती है। तकनीकी खराबी के चलते इसे फिलहाल वहीं रोक दिया गया है, लेकिन मिलिट्री कार्गो एयरक्राफ्ट की सहायता से इसकी सुरक्षित वापसी तय मानी जा रही है।

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