मिडिल ईस्ट में अमेरिका का नया ठिकाना: सीरिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मिडिल ईस्ट में एक बड़ा रणनीतिक दांव खेलते हुए सीरिया पर लगी 50 साल पुरानी आर्थिक पाबंदियों में ढील देने का ऐलान किया है। इस फैसले से अमेरिका-सीरिया संबंधों में एक नया मोड़ आया है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि अगर सीरिया शांति की दिशा में आगे बढ़ता है, तो अमेरिका उसे सहयोग देने को तैयार है।


सीरिया के अंतरिम नेता अहमद अल-शरा से सऊदी अरब में हुई मुलाकात के बाद यह नीति परिवर्तन देखने को मिला। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के अनुसार, यह कदम सीरिया को वैश्विक आर्थिक तंत्र से जोड़ने और क्षेत्रीय निवेश को बढ़ावा देने की मंशा से उठाया गया है। यूरोपीय संघ भी अमेरिका की राह पर चल पड़ा है, जिससे ईरान की चिंताएं गहराने लगी हैं। इस गठजोड़ से ईरान मिडिल ईस्ट में अलग-थलग पड़ सकता है, जो उसकी क्षेत्रीय नीति के लिए झटका है।

हालांकि, सीज़र एक्ट के तहत सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद और उनके करीबियों पर लगी पाबंदियां अब भी बनी हुई हैं। अमेरिका ने साफ किया है कि आतंकवाद से जुड़े गुटों और ड्रग्स व्यापारियों पर कोई राहत नहीं दी जाएगी। अमेरिकी विदेश विभाग अभी सीरिया के आतंकी टैग की समीक्षा कर रहा है। यानी यह शुरुआत है, लेकिन संबंधों की बहाली अभी अधूरी है।

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