बिजली फ्यूचर्स से तय होंगे रेट, NSE की बड़ी पहल

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) 11 जुलाई 2025 से ‘बिजली फ्यूचर्स’ की ट्रेडिंग शुरू करने जा रहा है। यह कदम देश में ऊर्जा बाजार को संगठित और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक शुरुआत मानी जा रही है। NSE को मई 2025 में SEBI से मंजूरी मिली थी और अब इसे सफल बनाने के लिए लिक्विडिटी एन्हांसमेंट स्कीम (LES) भी लॉन्च की जा रही है।

बिजली फ्यूचर्स एक तरह का फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट है, जिसमें खरीदार और विक्रेता भविष्य की तय तारीख के लिए बिजली की कीमत पहले से तय कर लेते हैं। इस सौदे में असली बिजली की डिलीवरी नहीं होती, बल्कि दामों का लेन-देन होता है। NSE का उद्देश्य है कि बिजली की कीमतों में पारदर्शिता आए और उत्पादक व उपभोक्ता दोनों को कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाया जा सके।

LES स्कीम के तहत NSE दो मार्केट मेकर्स (MM1 और MM2) को चुनेगा, जिन्हें हर माह क्रमशः ₹85 लाख और ₹45 लाख तक का इनाम मिलेगा। इसके लिए उन्हें कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी, जैसे ₹5 करोड़ की नेटवर्थ और बिजली क्षेत्र का अनुभव। इच्छुक संस्थाएं 2 जुलाई 2025 तक रजिस्ट्रेशन कर सकती हैं। NSE की यह पहल न सिर्फ ऊर्जा व्यापार को आधुनिक बनाएगी बल्कि बिजली फ्यूचर्स जैसे टूल्स से बाजार को स्थिरता भी प्रदान करेगी।

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