इमरजेंसी से जुड़े 10 सवाल, कितने जानते हैं आप?

भारत के संवैधानिक इतिहास में इमरजेंसी एक अत्यंत संवेदनशील और शिक्षाप्रद अध्याय है। 1975 में लगी आपातकालीन स्थिति ने न केवल राजनीतिक व्यवस्था को झकझोरा, बल्कि आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों को भी प्रभावित किया। UPSC जैसे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह विषय बेहद महत्वपूर्ण है, और इसी उद्देश्य से एक 10 प्रश्नों वाली क्विज़ प्रस्तुत की गई है।

इस क्विज़ में शामिल सवाल जैसे – इमरजेंसी की घोषणा किस अनुच्छेद के अंतर्गत होती है, किन परिस्थितियों में लागू की जा सकती है, और किन अधिकारों को निलंबित नहीं किया जा सकता – संविधान की गहराई को समझने में मदद करते हैं। उदाहरण के तौर पर, आर्टिकल 352 के अंतर्गत राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा होती है, और 44वें संविधान संशोधन ने ‘आंतरिक अशांति’ की जगह ‘सशस्त्र विद्रोह’ शब्द को प्रतिस्थापित किया था। सुप्रीम कोर्ट ने मिनर्वा मिल्स केस (1980) में इमरजेंसी की न्यायिक समीक्षा को वैध ठहराया था।

यह क्विज न केवल तथ्यों को याद रखने का अभ्यास है, बल्कि यह नागरिकों को उनके संवैधानिक अधिकारों और लोकतंत्र की जड़ों से जुड़ने का अवसर भी देता है। जानकारों का मानना है कि “इमरजेंसी जैसे अध्याय हमें चेताते हैं कि कानून का संरक्षण तभी संभव है, जब हम स्वयं सजग नागरिक बनें।” अगर आप इन सवालों के सही जवाब दे पाते हैं, तो निश्चित रूप से आप संविधान की मूल आत्मा को समझने की दिशा में अग्रसर हैं।

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