डिस्चार्ज से पहले मिलेगा बर्थ सर्टिफिकेट

जनगणना महानिदेशालय (RGI) ने एक अहम आदेश जारी करते हुए सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि अस्पतालों से छुट्टी से पहले ही नवजात शिशु का बर्थ सर्टिफिकेट जारी किया जाए। यह आदेश खास तौर पर उन अस्पतालों पर केंद्रित है जहां देश में 50% से अधिक संस्थागत जन्म होते हैं। संशोधित जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के अनुसार, अब सभी जन्मों को केंद्र सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत करना अनिवार्य कर दिया गया है।

रजिस्ट्रार कार्यालय ने स्पष्ट किया कि जन्म के 7 दिनों के भीतर प्रमाण पत्र जारी होना चाहिए—चाहे वह इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में हो या भौतिक रूप में। यह सुविधा विशेष रूप से सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तत्काल प्रभाव से लागू की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि बर्थ सर्टिफिकेट की मांग बीते कुछ महीनों में काफी बढ़ी है, जो सरकारी सेवाओं से लेकर शिक्षा, विवाह और पहचान दस्तावेजों तक हर क्षेत्र में आवश्यक हो गया है।

गृह मंत्रालय के तहत कार्यरत RGI कार्यालय ने पहले भी इस दिशा में चेतावनी दी थी कि जन्म-मृत्यु की घटनाओं की रिपोर्टिंग 21 दिनों के भीतर की जाए। नए दिशानिर्देशों के अनुसार अब राज्य स्वतंत्र रूप से डेटा संग्रहण नहीं कर सकते, बल्कि सभी पंजीकरण केंद्र सरकार के पोर्टल पर दर्ज होंगे, जिससे राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR), मतदाता सूची और अन्य सरकारी सेवाओं में डेटा की शुद्धता सुनिश्चित हो सकेगी।

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