मंत्रीमंडल विस्तार से पहले बंगाल पर नज़र मोदी की

नई दिल्ली, 23 जून 2025 — संसद के बादल सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर अपने मंत्रीमंडल में फेरबदल की तैयारी में हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस बार विस्तार में बंगाल और बिहार दोनों से नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है, ताकि आगामी चुनावी समीकरणों को साधा जा सके। भाजपा के रणनीतिकार मानते हैं कि क्षेत्रीय असंतोष को दूर कर मतदाताओं का भरोसा जीतने के लिए यह एक अहम कदम हो सकता है।

बिहार में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हैं और एनडीए साझेदार जेडीयू के साथ मतभेद की आहट पहले से ही सुनाई दे रही है। ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा जैसे ओबीसी नेताओं को केंद्रीय मंत्री बनाकर भाजपा पिछड़े वर्ग के वोट को साधने की कोशिश कर सकती है। दूसरी ओर बंगाल में 2026 में चुनाव होने हैं। राज्य से केवल दो केंद्रीय मंत्री होने के कारण भाजपा राज्य से एक और चेहरा शामिल कर मतदाताओं के बीच पकड़ मजबूत करना चाहती है।

सूत्रों की मानें तो विष्णुपुर से सांसद सौमित्र खां और राज्यसभा सांसद शमीक भट्टाचार्य संभावित दावेदार हैं। वहीं मोदी सरकार इस बार पसमांदा मुसलमानों को भी प्रतिनिधित्व देने की दिशा में कदम उठा सकती है। नामों में जम्मू-कश्मीर से गुलाम अली खटाना और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा प्रमुख जमाल सिद्दीकी का भी जिक्र है। ऐसे में मंत्रीमंडल फेरबदल ना सिर्फ चुनावी रणनीति का हिस्सा होगा, बल्कि सामाजिक संतुलन का भी संकेत हो सकता है।

 

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