भारत के लिए खोली गई ईरानी एयरस्पेस, लौटे छात्र

तेहरान और तेल अवीव के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच एक मानवीय झलक सामने आई जब ईरान ने विशेष रूप से भारत के लिए अपनी बंद एयरस्पेस को खोला। इज़राइल और ईरान के बीच मिसाइल और ड्रोन हमलों के आठवें दिन भी संघर्ष थमा नहीं, लेकिन इसी बीच ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत भारत के फंसे हुए छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हुई। ईरान की इस पहल से करीब 1,000 भारतीय छात्र अपने वतन लौटने में सफल हुए, जिनमें से पहली उड़ान शुक्रवार रात 290 छात्रों को लेकर भारत पहुंची।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने ईरानी निर्णय की सराहना करते हुए कहा, “यह दोस्ती और कूटनीति की मिसाल है, जब युद्ध की धधकती आग में भी मानवता की रोशनी बची रहती है।” वहीं, इज़राइल द्वारा ईरान के सैन्य और परमाणु केंद्रों पर हमलों का दावा और ईरान पर क्लस्टर बम के इस्तेमाल के आरोपों से हालात और भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। दक्षिण इज़राइल के बीयरशेवा टेक पार्क पर हुए हमले में कई घायल हुए, जिससे युद्ध की भयावहता और गहराई से सामने आई।

हालांकि सैन्य संघर्ष के बीच एक कूटनीतिक कोशिश भी शुरू हुई है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची जिनेवा में ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के विदेश मंत्रियों से बातचीत के लिए पहुंचे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दो सप्ताह तक सैन्य介入 को टालने का संकेत दिया है, जिससे मध्यपूर्व में एक संभावित समझौते की उम्मीद भी जागी है। लेकिन जब तक शांति वार्ता सफल नहीं होती, तब तक ‘ईरानी एयरस्पेस’ जैसी पहलें ही संघर्ष की आग में राहत की बूंद साबित हो रही हैं।

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