डिजिटल अरेस्ट का जाल: 60 लाख की हाईटेक ठगी

रांची में एक चौंकाने वाला साइबर अपराध सामने आया है, जहां एक सरकारी अधिकारी की पत्नी को डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर करीब 60 लाख रुपये की ठगी की गई। आरोपी खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दे रहे थे। तीन दिन तक मानसिक दबाव में रहीं पीड़िता ने जब तक सच समझा, तब तक बड़ी रकम कई खातों में ट्रांसफर हो चुकी थी।

इस मामले में झारखंड पुलिस की क्राइम ब्रांच और सीआईडी ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह हैरान करने वाली बात है कि आरोपी बाप-बेटे की जोड़ी है—अजय कुमार सिन्हा और सौरभ शेखर—जो पटना के टिकिया टोली, महेंदु के रहने वाले हैं। पुलिस ने इनके पास से मोबाइल, सिम कार्ड, आधार कार्ड और फर्जी चेक बुक बरामद की है। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने महिला एवं ग्रामीण विकास कल्याण समिति के नाम पर फर्जी खाता खोलकर उसमें अलग-अलग राज्यों से डेढ़ करोड़ रुपये मंगवाए थे।

अधिकारियों ने नागरिकों को सतर्क करते हुए कहा है कि कोई भी सरकारी एजेंसी वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी नहीं करती। डिजिटल अरेस्ट जैसे तरीकों से अपराधी आम जनता को फंसाते हैं। ऐसे किसी भी कॉल को गंभीरता से लेने से पहले 1930 हेल्पलाइन या www.cybercrime.gov.in पर तुरंत शिकायत करें। जागरूकता और सतर्कता ही इस नए दौर के साइबर अपराध से बचाव का एकमात्र तरीका है।

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