इंग्लैंड की सरजमीं पर भारी पड़ती टीम इंडिया

20 जून से शुरू हो रही IND vs ENG टेस्ट सीरीज से पहले आंकड़े एक चौंकाने वाली हकीकत उजागर कर रहे हैं। भले ही इंग्लैंड अपने घरेलू मैदानों पर खेलेगा, लेकिन बीते पांच वर्षों के रिकॉर्ड बताते हैं कि मेजबानों की मजबूत दिखने वाली टीम बड़ी चुनौतियों के सामने कमजोर पड़ती रही है। 11 घरेलू टेस्ट सीरीज में से केवल एक गंवाना एकतरफा आंकड़ा लगता है, लेकिन अगर विरोधी टीमों की गुणवत्ता पर गौर करें, तो तस्वीर साफ हो जाती है।

इंग्लैंड ने घरेलू जमीन पर वेस्टइंडीज, पाकिस्तान, श्रीलंका और जिम्बाब्वे जैसी अपेक्षाकृत कमजोर टीमों के खिलाफ ही जीत हासिल की है। वहीं, भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ उसे जीत दर्ज करने में संघर्ष करना पड़ा। भारत के साथ 2021-22 में सीरीज 2-2 से बराबरी पर रही और 2023 की एशेज सीरीज भी ड्रॉ रही। इस प्रदर्शन से यह स्पष्ट है कि इंग्लैंड की आक्रामक रणनीति बड़ी टीमों के खिलाफ विफल रही है।

लीड्स टेस्ट के लिए इंग्लैंड द्वारा पाटा पिच की मांग इंगित करती है कि मेज़बान टीम भारतीय तेज गेंदबाजों से दबाव महसूस कर रही है। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे गेंदबाजों के आगे इंग्लिश बल्लेबाजी संघर्ष कर सकती है। इंग्लैंड की यह रणनीति कहीं उनके लिए उलटी साबित न हो जाए, क्योंकि टीम इंडिया का आत्मविश्वास और हालिया प्रदर्शन इंग्लैंड के लिए खतरे की घंटी बजा रहे हैं।

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