पुतिन का प्लान: यूरोप बदलने की कोशिश, मिडिल ईस्ट पर नजर

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक नई भू-राजनीतिक चाल चल रहे हैं—जिसका लक्ष्य सिर्फ यूक्रेन नहीं, बल्कि यूरोप और मिडिल ईस्ट के सत्ता संतुलन को भी बदलना है। हाल ही में रूस तालिबान को मान्यता देने वाला पहला देश बना, वहीं पुतिन ईरान और इजराइल के बीच मध्यस्थता की पेशकश कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि पुतिन अमेरिका को मिडिल ईस्ट से बाहर करने और खुद को क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।

पुतिन की योजना सिर्फ कूटनीतिक नहीं, सैन्य स्तर पर भी आक्रामक है। यूक्रेन में कीव, ओडेसा और लुहांस्क जैसे इलाकों पर रूसी हमले तेज़ हो चुके हैं। अगर लुहांस्क पूरी तरह रूस के नियंत्रण में आ जाता है, तो यह यूक्रेन युद्ध की अब तक की सबसे बड़ी जीत होगी। शुक्रवार को ट्रंप के साथ हुई एक घंटे लंबी फोन कॉल में पुतिन ने स्पष्ट कहा कि जब तक उनका लक्ष्य पूरा नहीं होता, वो पीछे नहीं हटेंगे।

मिडिल ईस्ट में पुतिन ने ईरान के साथ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया है। यूक्रेन युद्ध में ईरान द्वारा दिए गए ‘शहीद ड्रोन’ रूस के लिए गेमचेंजर साबित हुए। ईरान की मिसाइल तकनीक और रूस की कूटनीति अब मिलकर अमेरिका और उसके सहयोगियों के खिलाफ नया मोर्चा बना रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह साझेदारी पुतिन की उस बड़ी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वे वैश्विक सत्ता संरचना को पुनर्परिभाषित करना चाहते हैं।

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