ईरान-इजराइल संघर्ष: आशूरा पर ‘आर-पार’ का इशारा?

तेहरान और तेल अवीव के बीच चल रहे तनाव के बीच 6 जुलाई यानी मुहर्रम की 10वीं तारीख को निर्णायक मोड़ आ सकता है। रिपोर्टों के अनुसार, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई आशूरा के दिन इजराइल पर व्यापक हमले की मंजूरी दे सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जैसे ही इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर रवाना होंगे, ईरान “आर-पार” की कार्यवाही शुरू कर सकता है।

ईरान की योजना तीन चरणों में हमले की बताई जा रही है—पहले चरण में हिज्बुल्लाह, हूती और ईरान मिलकर ट्रिपल अटैक कर सकते हैं। लेबनान से रॉकेट, यमन से बैलिस्टिक मिसाइलें और ईरान से ड्रोन के जरिए तेल अवीव व मध्य इजराइल को निशाना बनाया जा सकता है। दूसरे चरण में सीधे बैलिस्टिक मिसाइलों की बौछार होगी, जबकि तीसरे चरण में साइबर अटैक के ज़रिए बिजली ग्रिड, बैंकिंग और सैन्य सिस्टम को निशाना बनाने की आशंका जताई जा रही है।

वहीं, इजराइल ने ईरान को वैश्विक खतरा बताया है, खासकर उसके परमाणु कार्यक्रम और मिसाइल क्षमता को लेकर। मोसाद की सक्रियता बढ़ गई है और अमेरिकी कमांडर CENTCOM भी इजराइल के युद्धाभ्यास की समीक्षा कर चुके हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि आशूरा के दिन ईरान की प्रतिक्रिया केवल धार्मिक नहीं, बल्कि रणनीतिक भी होगी—एक ऐसा वक्त जिसे ईरान निर्णायक मोर्चे के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है।

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