बिग ब्यूटीफुल बिल या बिग बर्डन? अमेरिका पर संकट

वॉशिंगटन — अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ को सीनेट से मंजूरी मिलने के बाद देश में आर्थिक बहस तेज हो गई है। यह बिल जहां ट्रंप के समर्थकों के लिए एक विजनरी कदम है, वहीं आलोचकों के लिए एक गहराते संकट की शुरुआत। अनुमान के मुताबिक, इस योजना को लागू करने में 3.4 ट्रिलियन डॉलर का खर्च आएगा, जिससे अमेरिका का बजट घाटा खतरनाक स्तर तक पहुंच सकता है।

प्रसिद्ध निवेशक रे डालियो ने चेतावनी दी है कि अमेरिका अब सालाना करीब 7 ट्रिलियन डॉलर खर्च कर रहा है जबकि उसकी आय महज 5 ट्रिलियन डॉलर के करीब है। इस अंतर के चलते हर साल 2 ट्रिलियन डॉलर का घाटा बढ़ता रहेगा, जिससे राष्ट्रीय कर्ज और ब्याज भुगतान बेतहाशा बढ़ेगा। डालियो ने कहा, “अगर यही ढांचा जारी रहा तो अमेरिका अकेला नहीं डूबेगा, दुनिया की अर्थव्यवस्था भी इस झटके से हिलेगी।” मौजूदा स्थिति में हर अमेरिकी परिवार पर औसतन 230,000 डॉलर (1.96 करोड़ रुपये) का कर्ज है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार ने खर्च और नीति में बदलाव नहीं किया, तो अगले 10 वर्षों में कर्ज GDP का 130% तक पहुंच सकता है और ब्याज ही 2 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा हो जाएगा। डालियो ने सुझाव दिया है कि सरकार को बजट घाटा GDP के 3% तक सीमित करना होगा, नहीं तो यह आर्थिक संकट वैश्विक वित्तीय प्रणाली को भी अस्थिर कर सकता है।

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