Axiom Space: निजी क्षेत्र की अंतरिक्ष क्रांति

भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा ने एक बार फिर Axiom Space को वैश्विक सुर्खियों में ला दिया है। अमेरिका स्थित इस निजी कंपनी ने 25 जून 2025 को Ax-4 मिशन लॉन्च किया, जो NASA और SpaceX की साझेदारी में एक बड़ा कमर्शियल प्रयास था। भारत सरकार द्वारा लगभग ₹550 करोड़ में सुरक्षित की गई सीट इस मिशन की विशिष्टता को दर्शाती है।

Axiom Space की स्थापना 2016 में हुई थी और यह कंपनी आज निजी अंतरिक्ष मिशनों की सबसे बड़ी अगुआ बन चुकी है। ह्यूस्टन, टेक्सास में स्थित इस संगठन की टीम में NASA के पूर्व वैज्ञानिक और अनुभवी अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। कंपनी के CEO माइकल सफ्रेदिनी, पूर्व ISS प्रोग्राम मैनेजर रह चुके हैं। कंपनी का कुल वैल्यूएशन वर्तमान में $1.26 बिलियन (₹10,000 करोड़) तक पहुंच चुका है, जो इसके तेज़ी से बढ़ते वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है।

Axiom का अगला बड़ा लक्ष्य इस दशक के अंत तक अपना खुद का कमर्शियल स्पेस स्टेशन स्थापित करना है, जो आने वाले समय में ISS का विकल्प बन सकता है। इससे वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिक अनुसंधान और व्यावसायिक अंतरिक्ष यात्रा को नया मंच मिलेगा। भारत जैसे देशों की इसमें भागीदारी न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि अंतरिक्ष क्षेत्र में वैश्विक सहयोग का भी संकेत देती है।

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